किडनी रोगी के लिए स्वस्थ आहार - Healthy Diet for kidney Patient

आज के समय में बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जो हमारे खान-पान में हुई लापरवाही के कारण होती हैं तो उन बीमारियों का इलाज सही खान-पान द्वारा ही ठीक किया जा सकता है। आपने शायद ध्यान दिया होगा कुछ बीमारियों का इलाज करते समय आपके डॉक्टर आपको खाने को लेकर कई प्रकार की रियायत बरतने की सलाह देता है। तो आज हम बात कर रहे हैं, किडनी की बीमारी को एक सही डायट एक बेहतर खान-पान द्वारा कैसे मेंटेन रखा जा सकता है। 

किडनी के रोगियों को डॉक्टर द्वारा एक विशेष डायट लेने की सलाह दी जाती है। दरअसल किडनी की समस्या आज एक आम समस्या बन चुकी है। इसका एक मुख्य कारण खान-पान में हुई लापरवाही है, तो आज हम जानेगें किडनी के रोगी का डायट प्लान क्या हो सकता है। यह इसे कैसे फॉलो किया जा सकता है।

किडनी डायट क्या है?

किडनी डायट खाने का एक तरीका है, जो आपकी किडनी को और अधिक नुकसान होने से बचाने में मदद करता है। इसका मतलब है कि कुछ खाद्य पदार्थों और तरल पदार्थों को सीमित करना ताकि आपके शरीर में कुछ खास खनिजों का निर्माण न हो जो आपकी किडनी को प्रभावित करें। इसलिए किडनी डायट लेने के लिए कहा जाता है। जिससे आप यह तय कर सकें कि प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन और खनिजों की कितनी मात्रा लेनी है। साफ तौर पर कहें तो इसमें आपको यह जानने में भी मदद मिलती है कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खा सकते हैं।

किडनी के रोगी का डायट प्लान

किडनी के रोगी का डायट प्लान क्या है। आज हम आपको बताएँगे कि यदि आपको किडनी की समस्या है, तो आपको क्या और कौन से खादय पदार्थ कितनी मात्रा में खाने चाहिए।

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प्याज का उपयोग

लहसुन और जैतून के तेल के साथ प्याज का उपयोग आपके किडनी के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। प्याज में विटामिन सी, मैंगनीज और बी-विटामिन अधिक होते हैं और इसमें प्रीबायोटिक फाइबर होते हैं। जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। शायद आप नहीं जानते होंगे कि डाइजेशन ठीक नहीं होने के कारण लीवर खराब हो सकता है और जब आपका लीवर ठीक से काम नहीं करता है, तो इससे किडनी खराब होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है| इसलिए ऐसी स्थिति से बचाव रखने के लिए आपको अपने खाने में प्याज का सेवन करना चाहिए और प्याज को सलाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है, जिससे आपका डाइजेशन ठीक रहता है|

लहसुन का उपयोग

लहसुन का उपयोग किडनी के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक होता है। लहसुन में मैंगनीज, विटामिन सी, और विटामिन बी6 होता है। इनके अलावा इनमें सल्‍फर भी होता है जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।किडनी रोगी को लहसुन का उपयोग खाने में तो करना ही चाहिए इसके साथ ही सुबह खाली पेट लहसुन की 1 से 2 कलियाँ का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद हो सकता है|

गोभी का उपयोग

फूल गोभी एक पौष्टिक सब्जी है जो विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-बी फोलेट सहित कई पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी यौगिक होते हैं। किडनी के रोगी का डायट प्लान में गोभी का उपयोग किया जा सकता है। इसमें सोडियम,पोटेशियम और फास्फोरस उतना ही पाया जाता है। जितना किडनी के रोगियों की स्थिति को खराब न कर सके।

करौंदा का उपयोग

करौंदा का उपयोग किडनी के मरीजों में किया जा सकता है। इसमें ए-टाइप प्रोथेकाइनिडिन (A-type proanthocyanidins) नामक फाइटोन्‍यूट्रिएंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये बैक्‍टीरिया को मूत्र मार्ग और मूत्राशय की परत में चिपकने से बचाने का कार्य करते हैं। क्योंकि किडनी में इन्फेक्शन पेशाब के रास्ते पहुंचता है इसलिए किडनी रोगी को इन्फेक्शन से बचने के लिए नियमित रूप से करौंदा का सेवन करना चाहिए|

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स्किनलेस चिकन का उपयोग

किडनी की बीमारी वाले लोगों के लिए एक सीमित प्रोटीन का सेवन करने की आवश्यकता होती है, शरीर को पर्याप्त मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन प्रदान करना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्किनलेस चिकन स्तन में त्वचा पर चिकन की तुलना में कम फास्फोरस, पोटेशियम और सोडियम होता है। चिकन की खरीदारी करते समय यह ध्यान रखें कि चिकन ताज़ा हैं या नहीं| इसके साथ ही किडनी रोगी भुने हुए चिकन से बचें, क्योंकि इसमें सोडियम और फॉस्फोरस अधिक मात्रा में होता है।

मैकाडामिया नट्स का उपयोग

आमतौर पर ज्यादातर नट्स में फास्फोरस उच्च मात्रा में पाया जाता है। इसलिए किडनी को रोगियों में लेने की सलाह नहीं दी जाती है। हालांकि, किडनी की समस्या वाले लोगों के लिए मैकाडामिया नट्स एक स्वादिष्ट विकल्प है। इसमें मूंगफली और बादाम जैसे नट्स की तुलना में फास्फोरस बहुत कम होता है। इसमें गुड फैट , विटामिन बी, मैग्नीशियम, तांबा, आयरन और मैंगनीज पाया जाता है। इसलिए किडनी रोगी अपनी डॉक्टर की सलाह लेकर बैलेंस मात्रा में मैकाडामिया नट्स का सेवन कर सकते है|

मशरूम का उपयोग

किडनी के मरीजों में मशरूम को अपनी डाइट में शामिल कर सकते है। मशरूम में विटामिन-बी, कॉपर, मैंगनीज और सेलेनियम की अच्‍छी मात्रा होती है। जो किडनी को संक्रमण से बचाते है इसलिए किडनी रोगी को नियमित रूप से मशरूप का सेवन भी करना चाहिए|

बेल मिर्च का उपयोग

बेल मिर्च में पोटेशियम की मात्रा बेहद कम होती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट विटामिन सी अधिक मात्रा में होती है। किडनी के रोगियों में बेल मिर्च का उपयोग किया जा सकता है।

पाइन एप्पल का उपयोग

पाइन एप्पल में बहुत सीमित मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। जबकि कई ऐसे फल हैं जिनमें अत्यधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। पाइन एप्पल का उपयोग किडनी के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए किडनी के रोगी का डायट प्लान में पाइन एप्पल शामिल करना अच्छा होता है।

लाल अंगूर का उपयोग

लाल अंगूर में विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह न केवल किडनी की बीमारी में बल्कि दिल की बीमारी में भी उपयोग के लिए अच्छा माना जाता है।

शलजम का उपयोग

शलजम किडनी फ्रेंडली होते हैं, शलजम की जड़ फाइबर और विटामिन सी से भरी हुई होती हैं। वे विटामिन बी 6 और मैंगनीज का भी एक अच्छा स्रोत हैं। इस कारण से किडनी के मरीजों में इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। किडनी के रोगी के डायट प्लान में इसीलिए शलजम शामिल करना चाहिए।

मूली का उपयोग

मूली एक ऐसी सब्जी है ,जिसमें पोटेशियम और फास्फोरस की मात्रा बहुत कम होती हैं, लेकिन इसमें कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है। मूली विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत माना जाता है, इसमे मौजूद एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

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